राज्य की कमलनाथ सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतरीन बनाने के लिए राइट टू हेल का कार्यक्रम कर रही है इसका आयोजन राजधानी भोपाल के मिंटो हॉल में आयोजित किया गया है जिसमें कि देश विदेश के सीनियर डॉक्टर हिस्सा ले रहे हैं वही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज राइट टू हेल्थ कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया यहां कार्यक्रम आज और कल भी चलेगा जिसमें की स्वास्थ सुविधाओं में कैसे सुधार किया जा सकता है इस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी स्वास्थ्य विभाग के मंत्री विदेशी मेहमानों से और देश के कोने कोने से आए बड़े डॉक्टरों से 121 चर्चा कर रहे हैं।राइट टू हेल्थ कॉनक्लेव में मुख्यमंत्री कमलनाथ नर सबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य होगा जहां ये अधिकार दिया जायेगा...राइट टू हेल्थ जनता के लिए बुनियादी अधिकार है...जब हम हेल्थ की बात करते है..तब हम सुविधाओं की बात करते है...आज हम ह्यूमन रिसोर्स की बात करते है..और सुविधाओं की बात करते है...
हमारे पास सारी सुविधा है..साथ ही बहुत सारी योजनाये है..लेकिन डिलीवरी सिस्टम ठीक न होने के चलते योजना असफल साबित हो रही है...स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से परिवर्तन हो रहा है...हमे इस परिवर्तन को समझकर भविष्य के लिए योजना तैयार करनी होगी...ऑपरेशन और पोस्ट केअर के बारे में हमे सोचना होगा..हमारे पास क्वालिफाइड फैकल्टी नहीं है...सही डॉक्टर नही है.मैंने मेडिकल कॉलेज के डीन से कहा कि मैं आपकी फैकल्टी का ऑडिट करूँगा...मैंने उनसे पूछा कि हमारे पास क्वालिफाइड फैकल्टी क्यो नहीं है..केवल कुछ शहरों से ही सभी लोग क्यों लिए गए है..हमें अपने व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा...मैं पीपीपी मोड के सही मॉडल पर काम करने के तरीके को पसंद करता है..भारत के एक बहुत बड़ा देश है..
हर 50 किलोमीटर पर प्राइमरी हेल्थ सेंटर है..
लेकिन कितने प्राइमरी हेल्थ सेंटर काम कर रहे है..
डॉक्टरों को समझना होगा कि वे समाज सेवा कर रहे है.साथ ही राइट टू हेल्थ को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने अपने संबोधन में कहा कि इस क्लक्लेव से प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने में आसानी होगी साथ ही उन्होंने अपने संबोधन में मुख्यमंत्री कमलनाथ की भी तारीफ की।
राजधानी भोपाल में हुआ राइट टू हेल्थ का कार्यक्रम